जांजगीर-चाम्पा. बहेराडीह गांव में स्थित वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल के नवाचार को देखने छग की काशी खरौद के रिटायर्ड शिक्षक और कर्मचारी पहुंचे. यहां देश के पहले किसान स्कूल के नवाचार को देखकर उन्होंने खूब तारीफ की और इस बात को लेकर रिटायर्ड शिक्षक व कर्मचारी गदगद हो गए कि खरौद के रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू के नाम से किसानों के द्वारा स्थापित देश के पहले किसान का नामकरण हुआ है. यहां सभी ने खुमरी पहनकर तस्वीर खिंचाई और किसान स्कूल के प्रयास की सराहना की.
धार्मिक नगरी खरौद से पहुंचे रिटायर्ड शिक्षक और कर्मचारियों ने किसान स्कूल के धरोहर को देखा, जहां खेती और घरेलू पुरानी सामग्री को संग्रह करके रखा गया है. यहां 6 फ़ीट की धनिया को देखकर वे हैरत में पड़ गए, वहीं केले के रेशे और अलसी के डंठल के रेशे के कपड़े को देखकर वे अचंभित हो गए. किसान स्कूल में 36 भाजी, बीजों का संग्रह, अक्षय चक्र वाटिका, जैविक खाद नाडेप, गोबर गैस और टॉयलेट से गैस के सिस्टम को उन्होंने देखा. साथ ही, छत पर की जा रही बागवानी के अलावा किसान स्कूल में निःशुल्क दिए जाने वाले 18 विषयों में प्रशिक्षण से भी वे अवगत हुए.
रिटायर्ड शिक्षक और कर्मचारियों ने कहा कि उन्होंने किसान स्कूल के नवाचार के बारे में बहुत कुछ सुना था और आज उन नवाचार को प्रत्यक्ष देखकर बेहद खुशी हुई है. किसानों के साथ ही युवा पीढ़ी को जानकारी देने का यह सामूहिक प्रयास सराहनीय है.
खरौद से रिटायर्ड शिक्षक रामखिलावन साहू, बलराम नोनिया, नन्दलाल साहू, गोपाल साहू, रतनलाल यादव, रिटायर्ड स्वास्थ्य कर्मचारी सहदेव ध्रुव, शिवरीनारायण के सेवानिवृत्त शिक्षक मनोज तिवारी, खोखरी गांव के रिटायर्ड शिक्षक पुगुराम साहू समेत अन्य कर्मचारी, किसान स्कूल पहुंचे थे.